हरियाणा विधानसभा ने निजी विश्वविद्यालयों के कानून में संशोधन करके संस्थानों पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कदम उठाया है।

Haryana Assembly amends private universities law to tighten its grip over the institutes
हरियाणा विधानसभा ने निजी विश्वविद्यालयों के कानून में संशोधन किया है, जिससे सरकार की पकड़ मजबूत हो गई है हरियाणा शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा झटका देने वाली खबर है कि हरियाणा विधानसभा ने हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) बिल, 2025 पारित किया है, जिससे राज्य सरकार को निजी विश्वविद्यालयों पर अधिक नियंत्रण मिलेगा। इस बिल को राज्य उच्च शिक्षा मंत्री महिपाल धनदा ने 19 दिसंबर, 2025 को पेश किया था, जो 17 दिसंबर, 2025 को गजट में प्रकाशित हुआ था और 22 दिसंबर, 2025 को विधानसभा द्वारा पारित हुआ था। इस संशोधन का उद्देश्य निजी विश्वविद्यालयों पर निगरानी और जवाबदेही बढ़ाना है, खासकर अल-फलाह विश्वविद्यालय के खिलाफ आरोपों के बाद। बिल के उद्देश्य और कारणों के अनुसार, प्राथमिक कानून की समीक्षा की आवश्यकता है ताकि निगरानी मजबूत हो सके। मंत्री धनदा ने कहा है कि संशोधन से विश्वविद्यालय प्रबंधन को समाप्त करने और सरकार को विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को कम करने की अनुमति मिलेगी। नए प्रावधानों के अनुसार, राज्य सरकार को विश्वविद्यालय द्वारा किए गए उल्लंघनों की जांच करने, 7-दिन के जवाब के साथ एक नोटिस जारी करने, और सरकार को विश्वविद्यालय के जवाब से संतुष्ट न होने पर 3 साल के लिए एक प्रबंधक नियुक्त करने की शक्ति होगी। सरकार को भी जांच के बाद पाठ्यक्रम अनुमति रद्द करने और अवैध गतिविधियों के लिए कम से कम 10 लाख रुपये की जुर्माना लगाने की शक्ति होगी। इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य अल-फलाह विश्वविद्यालय पर कार्रवाई करना है, जिस पर अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है। सूत्रों ने कहा है कि बिल में "सख्त उपाय" शामिल हैं जो सरकार को नियंत्रण बढ़ाने की अनुमति देते हैं, जो कुछ विशेष परिस्थितियों में लागू हो सकते हैं, जिससे विश्वविद्यालय की स्वायत्तता प्रभावित हो सकती है। संशोधन के परिणाम बहुत व्यापक हैं। निजी विश्वविद्यालयों को अधिक सरकारी निगरानी का सामना करना पड़ेगा, जिसमें प्रबंधन का विलोपन, 3 साल के लिए प्रबंधक की नियुक्ति, प्रवेश की रोकथाम, पाठ्यक्रम की रद्दी, 10 लाख रुपये की जुर्माना, और प्रति वर्ष शैक्षिक और प्रशासनिक ऑडिट शामिल हैं। छात्रों को सरकारी अनुमति के बिना प्रवेश या शैक्षिक जारी रखने का खतरा है, लेकिन प्रावधान छात्रों के हितों की रक्षा के लिए सरकारी अनुमति के साथ प्रवेश की अनुमति देते हैं, जिसके लिए कारणों का पंजीकरण किया जाता है। कुछ लोगों ने संशोधन को एक जवाबदेही सुनिश्चित करने और लापरवाही रोकने के लिए एक कदम के रूप में स्वागत किया है, जबकि अन्य इसे निजी संस्थानों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ाने के लिए एक प्रयास के रूप में देखते हैं। निजी उच्च शिक्षा निवेश के परिणाम की स्थिति अभी भी अनिश्चित है, लेकिन संशोधन के परिणामस्वरूप एक ठंडक का प्रभाव पड़ने की संभावना है। हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2006 ने राज्य में निजी विश्वविद्यालयों के लिए एक ढांचा स्थापित किया, लेकिन प्रबंधन के सीधे सरकारी अधिग्रहण या प्रवेश की रोकथाम के लिए प्रावधान नहीं थे। बिल अल-फलाह विश्वविद्यालय की जांच के बाद आया है, जिस पर अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है, जिससे मजबूत प्रवर्तन उपकरणों की आवश्यकता है, जैसे कि ऑडिट और जुर्माना जो पहले उपलब्ध नहीं थे। संशोधन के प्रभावी होने के साथ, निजी विश्वविद्यालयों को नए नियामक परिदृश्य के अनुकूल होना होगा। जबकि सरकार की नीयतें जवाबदेही सुनिश्चित करने और लापरवाही रोकने की हो सकती है, विश्वविद्यालय स्वायत्तता और छात्र हितों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। इस क्षेत्र के पूरे परिणाम समय के साथ ही स्पष्ट होंगे, लेकिन एक बात स्पष्ट है: हरियाणा सरकार ने राज्य में निजी विश्वविद्यालयों पर अपनी पकड़ मजबूत कर दी है। समयसारिणी: * 17 दिसंबर, 2025: हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) बिल, 2025 को गजट में प्रकाशित किया गया (बिल संख्या 37-एचएलए 2025) * 19 दिसंबर, 2025: बिल को राज्य उच्च शिक्षा मंत्री महिपाल धनदा द्वारा पेश किया गया * 22 दिसंबर, 2025: बिल को हरियाणा विधानसभा द्वारा पारित किया गया मुख्य प्रावधान: * सरकार को विश्वविद्यालय द्वारा किए गए उल्लंघनों की जांच करने के लिए एक समिति का गठन करने की शक्ति * 7-दिन के जवाब के साथ एक नोटिस जारी करना * सरकार को विश्वविद्यालय के जवाब से संतुष्ट न होने पर 3 साल के लिए एक प्रबंधक नियुक्त करने की शक्ति * सरकार को पाठ्यक्रम अनुमति रद्द करने और अवैध गतिविधियों के लिए कम से कम 10 लाख रुपये की जुर्माना लगाने की शक्ति * हर साल उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षिक और प्रशासनिक ऑडिट का आयोजन करना

📰 स्रोत: The Hindu - National

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